अनुच्छेद 21(क) का उड़ रहा खुलेआम मजाक


कानपुर। अनुच्छेद 21(क) के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई न होने पर वंचित शोषित पीड़ित संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने राष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।


ज्ञापन के अनुसार, आज के समय पूरे देश में संविधान के अनुच्छेद 21(क) का खुलेआम मजाक उड़ाया जा रहा है, जो एक मौलिक अधिकार है। आपको बता दें कि, अनुच्छेद 21() में 6 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक के प्रत्येक बच्चे को निःशुल्क एवं अनिवार्य रूप से शिक्षा देने का प्रावधान दिया गया है वंचित शोषित पीड़ित संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष ओम प्रकाश कुरील ने बताया कि, अनुच्छेद 21() मौलिक अधिकार है, देश की प्रत्येक नागरिक अधिकार है लेकिन आज के युग खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। शिक्षा देश में 6 वर्ष से 14 वर्ष तक आयु के बच्चों के लिये बिल्कुल निःशुल्क है, लेकिन यहां पर तो निजी विद्यालय तो खुलेआम पैसा वसूली कर रहे है जिसके खिलाफ प्रशासन कोई कठोर कार्यवाही नहीं कर रहा है। कुरील ने बताया कि, क्या सरकार ऐसे ही मौलिक अधिकारों को हनन होते हुये देखेगी। जिलाधिकारी ने ज्ञापन को आगे भेजकर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। ज्ञापन देने में ओम प्रकाश कुरील, आनन्द प्रकाश, जय प्रकाश आदि लोग मौजूद रहे।